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श्रावण महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम:महोत्सव के लिए 90 कलाकारों ने आवेदन दिए, नए कलाकारों को मिलेगा मौका
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास के दौरान प्रति रविवार को श्रावण महोत्सव के तहत सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाती है। इस बार के आयोजन के लिए गीत संगीत व नृत्य की प्रस्तुति के लिए मंदिर समिति के पास करीब 90 से अधिक कलाकारों के आवेदन पहुंच चुके हैं। चयन समिति बैठक में तय किया है कि इस बार उन्हीं स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाएगा। जिन्होंने पूर्व में महोत्सव के दौरान प्रस्तुति नहीं नहीं दी है । समिति ने 6 नाम भी तय किए हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत 14 जुलाई से होगी। इस दौरान प्रति रविवार को श्रावण महोत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। श्रावण मास का पहला रविवार 17 जुलाई को है। मंदिर समिति ने मई माह में ही स्थानीय व अन्य कलाकारों से गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुति के लिए आवेदन के साथ ही प्रस्तुति की सीडी मंगवा लिया है। कलाकारों के लिए गठित चयन समिति की बैठक शनिवार को हुई। इस बार समिति सदस्यों ने तय किया है कि श्रावण महोत्सव में पहले प्रस्तुति दे चुके स्थानीय कलाकारों को दूसरी बार मौका नहीं दिया जाएगा। भगवान महाकाल के आंगन में प्रस्तुति के लिए नए कलाकार को अवसर दिया जाएगा। बैठक में आवेदनों पर विचार करने के बाद 6 स्थानीय कलाकारों के नाम चिन्हित किए गए हैं। इन कलाकारों को 17 जुलाई से 21 अगस्त के दौरान प्रति रविवार को श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति देने का अवसर दिया जाएगा। चयन समिति में मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र गुरु, राम शर्मा और प्रदीप गुरु के साथ ही त्रिवेणी संग्रहालय की प्रबंधक भावना व्यास कालिदास अकादमी के निदेशक संतोष पंड्या और संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य शामिल थे।
बड़े कलाकारों के नाम अभी तय नहीं
2 साल के कोरोना काल के बाद श्री महाकालेश्वर के आंगन में श्रावण महोत्सव का आयोजन होगा। मंदिर प्रशासन द्वारा गठित समिति स्थानीय कलाकार के अलावा देश के बड़े कलाकार का नाम भी तय करती है। समिति में नाम फाइनल होने के बाद संबंधित कलाकार से संपर्क कर कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए स्वीकृति ली जाती है। कलाकार की स्वीकृति मिलने के बाद व्यवस्था तय की जाती है। वैसे इस बार बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का बड़ा कलाकार आमंत्रित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। चयन समिति की बैठक के बाद मंदिर प्रशासन बड़े कलाकार के नाम पर विचार करेगा। कलाकारों के नाम तय होने के बाद ही महोत्सव की तैयारी में तेजी आएगी।